Sunday 22 May 2011

नक्श फरियादी है...ग़ालिब के पहले मुशायरे की पूरी गजल

मै उर्दू का कोई ज्ञाता नहीं हूँ पर फिर भी मेरे सिमित ज्ञान से मैंने कोशिश करी है इस गजल को हिंदी मे समझाने की, अगर आप को लगे की गलत है कही कुछ तो कृपया सही जरूर करवाए.

इस गजल का अगर आप पूरा मजा लेना कहते हैं तो इसे पहले मतलब के साथ पढ़ लें और उसके बाद आखरी मे  जो पूरी गजल है उसे पढ़ें, आप चचा ग़ालिब की जादूगरी से सम्मोहित ना हों जाये तो कहियेगा.

हर शेर का मतलब उसके बाद की रंगीन पंक्तियों मे लिखा है

नक्श फरियादी है, किसकी शोखि-ए-तहरीर का
कागजी है पैरहन, हर पैकर ए तस्वीर का

हर निर्मित वस्तू निर्माता का एक प्रतिबीम्ब ही है       
हर तस्वीर चित्रित है कागज की थप्पी की शहनशीलता से 

काव-ए-काव ए सख्त जानिहा ए तन्हाई, न पूँछ
सुबह करना शाम का, लाना है जू-ए-शीर का

नितांत अकेलेपन से होने वाली पीड़ा को सहन करना ऐसा है जैसे  
सुबह को शाम और पहाड को मैदान मे बदलना                

जज्ब:-ए-बे इख़्तियार-ए-शौक देखा चाहिये
सीन:-ए-शमशीर से बाहर है, दम शमशीर का

इतने ज्यादा जोश होने पर सिर्फ कहने का क्या फायदा है                      
वैसे भी तलवार की ताकत म्यान से बाहर निकल कर युद्ध करने पर ही पता चलती है

आगही दाम-ए-शानिदान, जिस कदर चाहे, बिछाये
मुद्द'आ अंका है, अपने आलम ए तक़रीर का

उन्हें बिछाने दो उनका जाल उनके अनुमान से जितना दूर तक वो चाहे
मेरे शब्दों की रहस्यता और गूढता को पकडना उनके लिए असम्भव है 

बसकि हूँ, गालिब, असीरी में भी आतश जेर-ए-पा
मू-ए-आतश दीद:, है हल्क: मिरी जंजीर का

ओ ग़ालिब, मै बहुत प्रतिरोधी किस्म का व्यक्ति हूँ. फिर भी खुद को नियंत्रण मे रखता हूँ 
मै मेरी बेड़ियों और जंजीरों का सम्मान करता हूँ, और मै मेरी हर इच्छा का त्याग करता हूँ

***********************************

नक्श फरियादी है, किसकी शोखि-ए-तहरीर का
कागजी है पैरहन, हर पैकर ए तस्वीर का

काव-ए-काव ए सख्त जानिहा ए तन्हाई, न पूँछ
सुबह करना शाम का, लाना है जू-ए-शीर का

जज्ब:-ए-बे इख़्तियार-ए-शौक देखा चाहिये
सीन:-ए-शमशीर से बाहर है, दम शमशीर का

आगही दाम-ए-शानिदान, जिस कदर चाहे, बिछाये
मुद्द'आ अंका है, अपने आलम ए तक़रीर का

बसकि हूँ, गालिब, असीरी में भी आतश जेर-ए-पा
मू-ए-आतश दीद:, है हल्क: मिरी जंजीर का

उम्मीद है आपको प्रयास पसंद आया होगा :) अगर आपको कोई गलती लगी हों तो कृपया सही करिए.

इस गजल से सम्बन्धित थोड़ी और जानकारी के लिए पिछली पोस्ट यहाँ पढ़ें. 

5 comments: